हमारा अगुआ होना, हमारे साथ दहेज का आवश्यक किया जाना, तुमसे बड़ी स्वयं हमारी विपत्ति थी। हमारा अगुआ होना, हमारे साथ दहेज का आवश्यक किया जाना, तुमसे बड़ी स्वयं हमारी विपत्...
लेखक: धीराविट पी. नात्थागार्न, अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक: धीराविट पी. नात्थागार्न, अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
लेखक: धीराविट पी. नात्थागार्न ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक: धीराविट पी. नात्थागार्न ; अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
जैसे ज़िन्दगी के आखरी पड़ाव पे कोई अफसोस नहीं रहना चाहिए, वैसे ही किताब के आखरी पन्ने पे कोई कहानी अ... जैसे ज़िन्दगी के आखरी पड़ाव पे कोई अफसोस नहीं रहना चाहिए, वैसे ही किताब के आखरी ...
इसलिए, क्योंकि अब राजा वैसे नहीं होते, इनके लिए गलती से भी इनकी प्रजा कहीं अपनी जान न द इसलिए, क्योंकि अब राजा वैसे नहीं होते, इनके लिए गलती से भी इनकी प्रजा कहीं अपनी ...
पन्ने को हम समेट नही सकते। एक-आध पन्ना छूट ही जाता है। पन्ने को हम समेट नही सकते। एक-आध पन्ना छूट ही जाता है।